एएआई ने किया इंदौर सहित देश के छह एयरपोर्ट के निजीकरण का प्रस्ताव
इंदौर . इंदौर सहित देश के छह एयरपोर्ट (रायपुर, त्रिची, अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर) को निजी हाथों में सौंपने की अनुशंसा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने की है। एविएशन एक्सपर्ट के अनुसार एयरपोर्ट के निजीकरण के बाद फ्लाइट संख्या से लेकर हर जगह सुविधाएं अौर बेहतर होंगी, लेकिन दूसरी ओर एयरपोर्ट पर ये सभी सुविधाएं महंगी हो जाएंगी। कई तरह से चार्जेस भी एयरपोर्ट पर लगेंगे। इसका सीधा असर आम यात्रियों पर आएगा। एयरपोर्ट पर खरीदी भी दो से तीन गुना तक महंगी हो जाएगी।
आगे क्या : एयरपोर्ट के निजीकरण की अनुशंसा के बाद प्रस्ताव बुलवाए जाएंगे। जो कंपनी सबसे ज्यादा बोली लगाएगी, उसको टेंडर अलॉट किया जाएगा। बाद में पूरा संचालन कंपनी करेगी। समय कितना लगेगा ये अनिश्चित है क्योंकि अभी सिर्फ प्रस्ताव है।
निजीकरण मतलब : निजीकरण से इंफ्रास्ट्रक्चर अौर मैनेजमेंट से जुड़ी सारी सेवाएं निजी हाथों में चली जाएंगी। एटीसी टॉवर सरकार के हाथों में रहेगा। एयरपोर्ट डायरेक्टर रहेंगे।
फायदा : होटल, कार्गो, हैंगर की सुविधाएं बढ़ेंगी
- जो भी कंपनी इसे लेगी वो सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर अौर यात्री सुविधाओं पर ध्यान देगी। शॉपिंग और एंटरटेनमेंट में इजाफा होगा।
- एयरपोर्ट पर नए स्लॉट की समस्या काफी हद तक खत्म होगी। प्राइवेट होने से भविष्य के प्लान अच्छे से बनेंगे। निजी एयरलाइंस भी अपने प्लान मिलकर बना सकती हैं।
- होटल, कार्गो, हैंगर, एमआरओ जैसी सुविधाएं डेवलप होंगी।
- कंपनी इनकम के लिए कार्गो टर्मिनल, पार्किंग सुविधाएं बढ़ाएंगी। नाइट पार्किंंग व हैंगर सुविधाएं बढ़ाएंगी। इससे फ्लाइट बढ़ंेगी। यात्रियों को और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
- एयरपोर्ट पर खाने-पीने की सुविधाएं अौर बढ़ेंगी।
- सिक्योरिटी जांच और बैगेज के लिए एक्स-रे काउंटर्स बढ़ जाएंगे।
- शॉपिंग के लिए कई नए आउटलेट भी खुलेंगे।
नुकसान : कंपनी सुविधाओं का किराया बढ़ाएगी
- निजीकरण का नुकसान वर्तमान कर्मचारियों को होगा, क्योंकि सारा मैनेजमेंट कंपनी अपने हाथों में ले लेगी।
- निजीकरण के बाद एयरपोर्ट पर हर चीज के लिए अलग से शुल्क देना होगा। कंपनी दुकानों का किराया बढ़ाएगी तो भार यात्रियों की जेब पर ही आएगा।
- एयर लाइंस के काउंटर महंगे होने से किराया बढ़ सकता हैं।
- चाय-नाश्ता के लिए शुल्क अौर बढ़ेगा।
- एयरपोर्ट पर बाजार दर की तुलना में सामान तीन से चार गुना तक महंगा हो सकता है।
- वाहनों का पार्किंग शुल्क बढ़ेगा। नए नियम लागू होंगे।
(निजीकरण के फायदे, नुकसान की जानकारी एविएशन एक्सपर्ट संजय जैन, ट्रेवल्स एसोसिएशन अॉफ इंडिया (मप्र-छग) के अध्यक्ष हेमेंद्रसिंह जादौन अौर एयरपोर्ट के रिटायर्ड कर्मचारियों के अनुसार।)
विरोध भी शुरू : यूनियन ने कहा- संसद को घेरेंगे
निजीकरण से पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी एम्प्लाइज यूनियन ने विरोध भी शुरू कर दिया है। यूनियन के ब्रांच सेक्रेटरी रामस्वरूप यादव ने कहा एयरपोर्ट का निजीकरण करना गलत है। हम इसके विरोध में जल्द ही संसद के घेराव की रणनीति बनाएंगे।